नई दिल्ली। मद्रास इंजीनियर ग्रुप और सीआईएसएफ को इस साल के गणतंत्र दिवस परेड का सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग दस्ता चुना गया जबकि अरूणाचल प्रदेश तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने झांकियों की अलग अलग श्रेणी में पहला पुरस्कार जीता।
स्कूल बच्चों के कार्यक्रम के प्रतिस्पर्धी श्रेणी में केंद्रीय विद्यालय, प्रीतमपुरा, दिल्ली को उनकी प्रस्तुति के लिए पहला पुरस्कार दिया गया। स्कूल के छात्रों ने अपनी प्रस्तुति में दिखाया कि हमारा राष्ट्रीय ध्वज किस तरह हमारे स्वतंत्रता सेनानियों, भारतीय लोकतंत्र की स्थापना, भारतीयों के अनंत स्नेह, महिला सशक्तिकरण और इस तरह की अनगिनत उपलब्धियों की गौरवमयी गाथाओं का साक्षी रहा है।
नागपुर के साउथ सेंट्रल जोन कल्चरल सेंटर को ‘सैला कर्मा’ नृत्य के लिए सांत्वना पुरस्कार दिया गया। ‘सैला कर्मा’ मध्य प्रदेश के दिंडोरी जिले के गोंड आदिवासी का लोकप्रिय नृत्य है। सेवा श्रेणी में मद्रास इंजीनियर ग्रुप को सर्वश्रेष्ठ माचिर्ंग दस्ता चुना गया।
अर्धसैनिक बल एवं दूसरे सहायक मार्चिंग दस्ते की श्रेणी में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) दस्ते को सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग दस्ता चुना गया। गणतंत्र दिवस परेड में छह केंद्रीय मंत्रालयों-विभागों सहित कुल 23 झांकियां दिखीं जिनमें राज्यों में पहला स्थान अरूणाचल प्रदेश की झांकी को दिया गया। त्रिपुरा की झांकी को दूसरा जबकि महाराष्ट्र एवं तमिलनाडु की झांकियों को संयुक्त रूप से तीसरा स्थान दिया गया। केंद्रीय मंत्रालयों-विभागों की श्रेणी में पहला पुरस्कार कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय को दिया गया।
‘हरित भारत-स्वच्छ भारत’ के विचार पर आधारित केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) की झांकी को विशेष पुरस्कार के लिए चुना गया। हर साल की तरह इस साल भी रक्षा मंत्रालय ने प्रतिभागियों का आकलन करने के लिए निर्णायकों की तीन समितियां नियुक्त की थीं।
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